अग्नि पुराण
अग्निपुराण पुराण साहित्य में विशाल ज्ञान भंडार के कारण विशिष्ट स्थान रखता है। विषय की विविधता की दृष्टि से इस पुराण का विशेष महत्त्व है। इसे 'भारतीय संस्कृति का विश्वकोश' कहा जाता है। अग्निपुराण में त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव तथा सूर्य की पूजा-उपासना का वर्णन किया गया है।
इस पुराण के वक्ता भगवान अग्निदेव हैं, अतः यह 'अग्निपुराण' कहलाता है। अत्यंत लघु आकार होने पर भी इस पुराण में सभी विद्याओं का समावेश किया गया है। इस दृष्टि से अन्य पुराणों की अपेक्षा यह और भी विशिष्ट तथा महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारतीय संस्कृति सबसे पुरातन संस्कृति है। सारी दुनिया का ज्ञान यहाँ के वेद -पुराणों से ही दुनिया भर में पहुंचा है। हमारे वेद और पुराण ज्ञान के भंडार है। हमारा उद्देश्य वेद -पुराणों को सभी लोगो तक पहूँचना है।
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