ब्रह्माण्ड पुराण
ब्रह्माण्ड का वर्णन करनेवाले वायु ने व्यास जी को दिये हुए इस बारह हजार श्लोकों के पुराण में विश्व का पौराणिक भूगोल, विश्व खगोल, अध्यात्मरामायण आदि विषय हैं। हिंदू संस्कृति की स्वाभाविक व स्पष्ट रूपरेखा वैदिक साहित्य में सर्वाधिक पुराणों से ही मिलती हे, यद्यपि यह श्रेय वेदों को दिया जाता है। कहा जाता है कि वास्तव में वेद भी अपनी विषय व्याख्या के लिये पुराणों पर ही आश्रित हैं।
भारतीय संस्कृति सबसे पुरातन संस्कृति है। सारी दुनिया का ज्ञान यहाँ के वेद -पुराणों से ही दुनिया भर में पहुंचा है। हमारे वेद और पुराण ज्ञान के भंडार है। हमारा उद्देश्य वेद -पुराणों को सभी लोगो तक पहूँचना है।
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